साथियो नमस्कार,
संविधान बने, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गान हो इस लिए स्वतंत्रता के आंदोलन में प्रभुता, एकता और अखंडता के साथ देश की रक्षा एवं राष्ट्र सेवा की गयी| भारत के लोगों में समरसता हो हमारी संस्कृति की गौरवशाली परंपरा के साथ साथ पर्यावरण की रक्षा की जाये| दयाभाव, , मानववाद, हिंसा से दुरी का पालन करते हुए उत्कर्ष की ओर बढ़ने का प्रयास हो ऐसा भाव शिक्षा का होना चाहिए|
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भाग 4क मूल कर्त्तव्य
51क. मूल कर्त्तव्य –भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य होगा कि वह–
(क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्श, संस्थाओं , राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय गान का आदर करे ।
(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोये रखे और उनका पालन करे।
(ग) भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे।
(घ) देश की रक्षा करे और आव्हान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे।
(ङ) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृव की भावना का निर्माण करे जो धर्म भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधरित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध।
(झ) सार्वजनिक सम्पति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्र में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे। जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई उचाईयों को छू ले |
(ट) यदि माता- पिता या संरक्षक है, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले अपने, यथास्तिथि , बालक या प्रतिपाल्य के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करे।
3 टिप्पणियां:
Excellent and easy language, even we English medium student can relate the trick.
Keep it up Sir
Regards
Snigdha Chaddha
Thank You Dear Reader,
Your Comments inspire us a lot.
This is just inception, we will try to give more useful information to you in future. Stay Connected.
Regards,
TARUN
Amazing
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